तुलसी विवाह कब है – Tulsi Vivah 2024 Date | Tulsi Vivah Kaise Karte Hain – तुलसी विवाह कैसे होता है

This Post Covers – तुलसी विवाह 2024 तिथि,तुलसी विवाह का महत्त्व,तुलसी पूजा कैसे करें,तुलसी विवाह विधि,तुलसी विवाह के लाभ

लेखक: रूपाली शर्मा
(रूपाली शर्मा, 10+ वर्षों के अनुभव वाली लेखिका हैं जो भारतीय त्योहारों और रीति-रिवाजों पर अपने गहन अध्ययन के साथ पाठकों से जुड़ती हैं। इस लेख में, वह तुलसी विवाह के महत्त्व, विधि और 2024 की सही तिथि के बारे में जानकारी साझा कर रही हैं।)

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क्या आपने कभी सोचा है कि तुलसी विवाह क्यों मनाया जाता है? या यह जानने की कोशिश की है कि तुलसी विवाह के पीछे क्या रहस्य और श्रद्धा छिपी हुई है? इस लेख में, मैं आपको तुलसी विवाह के इतिहास, महत्व, और इसे मनाने के सही तरीके के बारे में बताऊंगी। इस लेख को लिखने का उद्देश्य मेरे व्यक्तिगत अनुभव और धार्मिक मान्यता के आधार पर इस विषय की महत्त्वपूर्ण जानकारी आप तक पहुँचाना है।


तुलसी विवाह का महत्व – Importance of Tulsi Vivah

तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक विशेष और पवित्र पर्व है, जिसे भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है। तुलसी को विष्णु भगवान की प्रिय वनस्पति माना गया है, और इसे देवी तुलसी का स्वरूप समझा जाता है। मान्यता है कि तुलसी विवाह से भगवान विष्णु और लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, और इससे सुख, शांति और समृद्धि घर में आती है।

तुलसी विवाह, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन संपन्न होता है, जिसे देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को खासतौर पर भगवान विष्णु के पुनः जागरण के रूप में देखा जाता है, जो चार महीने के योग निद्रा के बाद जागते हैं।

“तुलसी विवाह का आयोजन करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है, और मान्यता है कि जो व्यक्ति इस विवाह को करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है।”

तुलसी विवाह कब है – Tulsi Vivah 2024 Date and Time

तुलसी विवाह का आयोजन हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। यह दिन देवउठनी एकादशी के रूप में भी प्रसिद्ध है। 2024 में तुलसी विवाह का आयोजन 12 नवंबर और 13 नवंबर के बीच होगा।

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की द्वादशी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 12 नवंबर 2024 को शाम 4 बजकर 2 मिनट पर होगी, और इसका समापन बुधवार, 13 नवंबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर होगा। इस दौरान तुलसी विवाह के आयोजन के लिए शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है।

2024 में तुलसी विवाह का मुहूर्त –

  • दिन: मंगलवार, 12 नवंबर से बुधवार, 13 नवंबर 2024 तक
  • मुहूर्त: स्थानीय परंपराओं के अनुसार समय भिन्न हो सकता है

तुलसी विवाह की तैयारी – Preparation for Tulsi Vivah

तुलसी विवाह की तैयारी बहुत ही सरल लेकिन विधिपूर्वक की जाती है। आइए जानते हैं इस विवाह के लिए किन-किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है:

  1. तुलसी का पौधा – तुलसी का पौधा जिसमें तुलसी देवी की पूजा की जाएगी।
  2. शालिग्राम की प्रतिमा – भगवान विष्णु का शालिग्राम स्वरूप।
  3. धूप, दीप, फूल, और चंदन – पूजा सामग्री।
  4. नारियल और मिठाई – विवाह के प्रसाद के लिए।
  5. पीली और लाल वस्त्र सामग्री – तुलसी देवी और शालिग्राम के लिए।

Did you know? तुलसी विवाह के दिन घर में हल्दी और मेंहदी की रसम भी होती है, जिससे घर का वातावरण और भी पवित्र और उत्साहपूर्ण बनता है।

तुलसी विवाह की विधि – How to Perform Tulsi Vivah

तुलसी विवाह की विधि सरल है, लेकिन इसे श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ करना आवश्यक है। इस दिन तुलसी को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और शालिग्राम को दूल्हा बनाया जाता है।

1. तुलसी और शालिग्राम का श्रृंगार

तुलसी के पौधे को नए कपड़े, विशेषकर लाल या पीले वस्त्र, में सजाया जाता है। तुलसी के गमले को भी रंगीन कपड़ों और फूलों से सजाया जाता है।

2. पूजा आरंभ करना

पूजा की शुरुआत गंगाजल से तुलसी के पौधे और शालिग्राम की मूर्ति को शुद्ध करके की जाती है। फिर धूप, दीप, फूल, और चंदन अर्पित किया जाता है।

3. तुलसी विवाह के मंत्र और हवन

तुलसी विवाह में भगवान विष्णु और देवी तुलसी के मंत्रों का जाप किया जाता है। इस दौरान हवन भी किया जा सकता है।

4. फेरे और मंगलसूत्र

तुलसी के पौधे और शालिग्राम को एक धागे से जोड़ा जाता है, जिसे हम मंगलसूत्र की तरह मानते हैं। इसके बाद तुलसी और शालिग्राम को फेरे भी दिए जाते हैं, जैसे कि हिंदू विवाह में होते हैं।

Sources: वेदों और पुराणों में तुलसी विवाह की विशेष मान्यता है, और विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में इसके वर्णन को पाया जा सकता है।

तुलसी विवाह के लाभ – Benefits of Tulsi Vivah

तुलसी विवाह करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान है जो न केवल वातावरण को सकारात्मक बनाता है, बल्कि इसे करने से हमारे पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

  1. सुख और शांति का वास – यह मान्यता है कि तुलसी विवाह से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  2. विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण – जो लोग विवाह में समस्या का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस अनुष्ठान से लाभ मिल सकता है।
  3. धन और ऐश्वर्य का वास – तुलसी को धन और ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी का प्रिय पौधा माना गया है।

तुलसी विवाह से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting Facts about Tulsi Vivah

  • तुलसी को विष्णुप्रिय कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वह भगवान विष्णु की अत्यधिक प्रिय हैं।
  • तुलसी विवाह का आयोजन करने से विवाह योग्य लड़कियों के विवाह की बाधाएं दूर होती हैं।
  • तुलसी का पौधा घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Did You Know? तुलसी विवाह से पर्यावरण भी शुद्ध होता है, क्योंकि तुलसी का पौधा ऑक्सीजन प्रदान करता है और वातावरण को शुद्ध करता है।

तुलसी विवाह का समापन – Conclusion

तुलसी विवाह एक पवित्र और महत्त्वपूर्ण पर्व है जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का एक सरल और सुंदर माध्यम है। इसे करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है, और परिवार पर भगवान का आशीर्वाद सदैव बना रहता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारे पर्यावरण और समाज के लिए भी लाभकारी है। तो इस साल आप भी तुलसी विवाह का आयोजन करें और अपने जीवन में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि का अनुभव करें।

FAQs

  1. तुलसी विवाह कब मनाया जाता है?
    तुलसी विवाह हर साल कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन, देवउठनी एकादशी पर मनाया जाता है। 2024 में यह 12 नवंबर से 13 नवंबर तक है।
  2. क्या तुलसी विवाह केवल उत्तर भारत में ही मनाया जाता है?
    नहीं, तुलसी विवाह को पूरे भारत में मनाया जाता है, और कुछ लोग इसे विदेशों में भी धूमधाम से मनाते हैं।
  3. तुलसी विवाह से क्या लाभ होते हैं?
    तुलसी विवाह करने से सुख-शांति, समृद्धि, और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  4. तुलसी विवाह की तैयारी में कौन-कौन सी चीजें आवश्यक होती हैं?
    तुलसी का पौधा, शालिग्राम, फूल, दीप, नारियल, मिठाई आदि चीजों की आवश्यकता होती है।
  5. क्या तुलसी विवाह का आयोजन हर कोई कर सकता है?
    हाँ, तुलसी विवाह का आयोजन सभी कर सकते हैं, चाहे उनका वैवाहिक जीवन हो या न हो।

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