श्री कृष्ण का पलंग, श्री कृष्ण की रसोई, जहां अपने ग्वाल बालों संग किलोल करते थे श्री कृष्ण।

क्या आपने कभी सोचा है कि श्री कृष्ण अपने ग्वाल-बालों के साथ कहां-कहां किलोल करते थे? इस वीडियो में हम आपको लेकर चलेंगे उस अद्भुत स्थान पर, जहां श्री कृष्ण ने अपनी मस्तीभरी लीलाओं को अंजाम दिया। यह जगह न केवल पवित्र है, बल्कि भगवान की यादों से भरी हुई है। इस वीडियो को देखकर आप जानेंगे:

  1. श्री कृष्ण की रसोई और पलंग की अद्भुत कथा।
  2. वह कुंड जहां भगवान ने ग्वाल-बालों के साथ अठखेलियां कीं।
  3. मंदिर की location और वहां तक पहुंचने का आसान तरीका।

किलोल बिहारी का स्थान – जहां श्री कृष्ण ने लीला रचाई

यह स्थान एक ऐसा पवित्र स्थल है, जहां भगवान श्री कृष्ण ने अपने सखा-संगियों के साथ खेल-खेल में अपनी दिव्य लीलाएं कीं। पानी में छलांग लगाना, पेड़ों पर चढ़ना और ग्वाल-बालों के साथ मस्ती करना, इन पलों को यहां के कुंड और पलंग आज भी सजीव करते हैं।

यहां आने पर आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप स्वयं उस समय में पहुंच गए हों, जब भगवान अपने बाल-रूप में यहां खेलते थे। यहां की positivity और शांति मन को एक अलग ही ऊर्जा प्रदान करती है।

मंदिर की विशेषताएं – मंदिर की सफाई का महत्व

पुजारी जी ने हमें बताया कि यह स्थान सभी भक्तों की पहुंच में नहीं है, लेकिन यहां आने वाले भक्तों से एक विशेष अनुरोध है – मंदिर की सफाई और भगवान की वस्तुओं का ध्यान रखें। भगवान की रसोई और पलंग को टूटा देखना वाकई दुखद होता है। आइए, हम सब मिलकर इस पवित्र स्थान को उसकी दिव्यता में बनाए रखें।

मंदिर तक पहुंचने का मार्ग – Google Map Link का उपयोग करें

यह पवित्र स्थान चौरासी कोस की यात्रा में शामिल है। अगर आप यहां आना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए Google Map Link का उपयोग करें।
Location: Click here

अंतिम शब्द – श्री कृष्ण के दर्शन का महत्व

इस वीडियो के माध्यम से हम आप सभी भक्तों से यही कहना चाहते हैं कि भगवान श्री कृष्ण के इस अद्भुत स्थान पर अवश्य जाएं। यहां की कथा और लीला आपको भगवान के और करीब ले आएगी। उनकी स्मृतियों में खो जाना और उनके खेलों को महसूस करना, एक अद्भुत अनुभव होगा।

तो आइए, इस यात्रा को साथ मिलकर शुरू करें और श्री कृष्ण की लीलाओं के दर्शन करें।

|| राधे राधे ||

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